कविता · हिन्दी कविता · Ecstasy · Hindi poem · life · Love · poem · sachin

Tum Pukar lo.. Tumahara Intezaar hai !

एक इंतज़ार है,
इन आँखों को, जो जानेकहाँ तक..
उन अंधेरी वीरान हो चुकी गलियो मे,
तुम्हे खोजती हैं,
जिनसे कभी हम गुज़रे थे !

एक इंतज़ार है,
मेरे एहसासों को, जो जाने कब से..
दिल के अंधेरो मे,
तन्हा, गुमसुम है !

एक इंतजार है,
मेरे दिल को, जो कब से..
तुमसे कुछ लफ़्ज़ों, को तरसता है !

एक इंतज़ार है,
और भी कितने इंतज़ारों की तरह..
कि तुम पुकारोगे..
मेरे इंतेज़ारों कि मिश्री मुझे दोगे,
और तब, उन अंधेरी वीरान गलियों मे..
वो लफ्ज़, मेरे एहसासो को पाकर..
एक नये संगीत को गुनगुनायेंगे !!

एक इंतज़ार है,
कि कभी तो मेरे इंतजारो की सीमाए..
बढ़कर तुम्हे मेरे छू लेंगी,
और तुम्हे मेरे इंतेज़ारों का एहसास होगा,
तब तुम चुपके से बढ़कर..
मेरा हाथ थाम लोगी,
मेरे बिखरे सपनो को समेट कर,
उनमे रंग भर दोगी !!

एक इंतज़ार है,
की जब तेरे दिल की धड़कन,
मेरे दिल की तरह ही धड़केंगी..

एक इंतज़ार है,
उस खामोशी का,
जिसके बाद कोई भी तुंफान,
तुम्हे मुझसे जुदा न कर पाएगा,

एक इंतज़ार है,
की तुम पुकरोगी,
“तुम पुकार लो..
तुम्हारा इंतज़ार है !!”

Hemant from Khamoshi – “तुम पुकार लो.. तुम्हारा इंतज़ार है !!” by sachin verma

21 thoughts on “Tum Pukar lo.. Tumahara Intezaar hai !

Leave a reply to Dr.Abhay Kumar Cancel reply